दिवाली क्यो मनाई जाती है इन हिंदी

दिवाली क्यो मनाई जाती है 


दोस्तो दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जो सभी के लिए एक उत्साही सन होता है दिवाली ही एक ऐसा उत्सव है जिसके लिए साल भर से प्रतीक्षा की जाती है हिंदू धर्म मे दीपावली का महत्व काफी होता  है तो आजके आर्टिकल मे हम दिवाली क्यो मनाते है दिवाली का महत्व क्या होता है और दिवाली के कारगर उपाय, Diwali ke achuk upay 2021 मे जिसे इस दीपावली पर करने से आपको लाभ मिल सकता है तो आर्टिकल को पूरा पढते रहिये

  • DEEWALI UPAY 2021 
  • दिवाली पूजन विधि
  • धनतेरस का महत्व
  • धनतेरस के अचूक उपाय
  • नरक चतुर्दशी का महत्व
  • नरक चतुर्दशी के उपाय
  •  लक्ष्मी पूजन का महत्व
  • लक्ष्मी पूजन के उपाय  
  •  गोवर्धन पूजा का महत्व
  • गोवर्धन पूजा के उपाय  
  •  भाई दूज का महत्व
  • भाई दूज के उपाय


दिवाली का महत्व, दिवाली के उपाय, दिवाली पूजन विधि

दिवाली पूजन विधि:-

 

धनतेरस क्यों मनाया जाता है 

धनतेरस क्यो मनाया जाता है इसके बारेमे विस्तार से समझते है धरतेरस दीपावली आनेकी सूचना देता है यह कार्तिक मास की त्रिशन पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है भगवान धनवंतरी देवताओके वैद्य है इनकी पूजा करनेसे आरोग्य एवं सुख की प्राप्ति होती है|

पुराणी मान्यताओ के अनुसार कहा जाता है की भगवान धनवंतरी विष्णु जी के अंशा अवतार है विष्णु जी ने संसार मे चिकित्सा विग्यान के विस्तार और प्रसार के लिए उन्होने धनवंतरी का अवतार लिया था इस दिन माँ लक्ष्मी और यमराज जी की भी पूजा की जाती है|

इस दिन कुबेर के बिना लक्ष्मी जी पूजा अधूरी मणि जाती है पुराणिक मान्यताओ के अनुसार कहा जाता है की राजा बलि के भय से सभी देवतागण परेशान थे उस वक्त भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया था

एक बार वो यज्ञ स्थल पर पहुचे जहा असुरो के गुरु शुक्राचार्य ने विष्णु जी को पहचान लिया और राजा बलि से कहा की वो वामन जो भी कुछ मांगे उसे ना दे लेकिन राजा बलि महा दानी थे इसलिए उन्होने शुक्राचार्य की बात नही मानी और वामन बने विष्णु जी ने उनसे तिन पद भूमि मांग ली और ये बात राजा बलि ने स्विकार कर ली

इसी बिच मौका देखकर गुरु शुक्राचार्य ने छोटा रूप धारण कर लिया और वो विष्णु जी के कमंडल मे जाकर छिप गए विष्णु जी को पता चल गया की शुक्राचार्य उनके कमंडल मे है और उन्होने कमंडल मे कुछ इस तरह डाला की शुक्राचार्य की एक आँख फुट गयी

और फिर भगवान वामन ने खुदका अवतार बडा कर लिया और उन्होने एक पग मे धरती नाप ली और एक पग मे पूरा अतरिक्ष नाप लिया और तीसरा पग रखने के लिए जगा नही बची तो राजा बलि ने अपना सर उनके सामने रख दिया

उन्होने उसके मस्तिक्ष के ऊपर पैर रख दिया इस तरह राजा बलि की हार हो गयी और देवताओ के बिच राजा बलि का भय खत्म हो गया इसलिए तभीसे जित की ख़ुशी मे धनतेरस का त्यौहार मनाया जाने लगा|

धनतेरस के दिन सोना चांदी क्यो खरीदा जाता है इसके पीछे एक और पौराणिक कथा है एक हिम नाम का एक राजा था जिसके बेटे को श्राप मिला था की शादी के चौथे दिन उसकी मृत्यु हो जाएगी जब ये बात हिम के बेटे की पत्नी पता चली तो उसके पत्नी ने चौथे दिन उसे जागने के लिए कहा

पति को नींद ना आये इसलिए वो पति को कहानिया सुनाने लगी और उसने घर के दरवाजे पर धेरसारे सोना चांदी और आभूषण रखा दिये और खूब सारे दिये जला दिये जब यमराज साप के रूप मे राजा हिम के बेटे की जान लेने पहुचे तो इतनी चमक देखके वो अंधे हो गए

इस तरह साप घर के अंदर प्रवेश नही कर पाया और आभुषानो के ऊपर बैठ के वो भी कहानिया और गीत सुनने लगा इस तरह सुबह हो गई और राजकुमार कुमार के मृत्यु की घडी समाप्त हो गयी तबसे ही मान्यता है की इस दिन सोना चांदी खरीदने से अशुभ चीजे और नकारात्मकता घर के अंदर नही आ पाती है

इस दिन समुद्रमंथन के दौरान अमृत कलश लिए हुए भगवान विष्णु ही धनवंतरी के रूप मे प्रकट हुए थे इसलिए ये पावन दिवस मनाया जाता है भगवान धनवंतरी ने आयुर्वेद को प्रकट किया था धन शब्द का ये भी अर्थ सेहत से जुडा होता है

इसलिए धनतेरस हमारे स्वास्थ को अच्छा रखने के लिए भी इसका बेहद महत्व होता है स्वस्थ शरीर से लक्ष प्राप्ति मे आसानी होती है अगर हमे धनवान ज्ञानवान होना है तो शरीर का स्वस्थ होना बेहद आवश्यक है

 

धनतेरस मे क्या खरीदना चाहिए 2021 

  1. धन प्राप्ति के लिए धनतेरस के दिन जरुर करे ये अचूक उपाय सबसे पहले धनतेरस के पहले दिन आप को घर को बिलकुल क्लीन करना है आप को एक एक कोनेसे घर मे जो भी कचरा है उसे बिलकुल साफ सुथरा करना है|
  2. इस दिन आप को लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए इसके लिए आप को कच्ची मिट्टी की मूर्ति लाके पूजा करते हो तो ये आप के लिए बेहद शुभ हो सकता है और इसीके साथ आप को भगवान धनवंतरी की पूजा अवश्य करना चाहिए|
  3. जिन लोगो को अकाल मृत्यु का हमेशा भय रहता है या वो लोग डिप्रेशन मे रहते है या उनके मन मे आत्महत्या के विचार आते हो उन लोगो को धनतेरस के दिन यम के नाम से एक दिया जलाना होगा ये उपाय करने से आप को लाभ मिल सकता है|
  4. धनतेरस के दिन चांदी पितल का बर्तन खरीदना अच्छा होता है इस दिन आप अपने शमता अनुसार सोना भी खरीद सकते है या सोनेके कुछ आभूषण भी खरीद सकते है इससे काफी लाभ मिल सकता है|
  5. धनतेरस के दिन काले वस्त्र ना पहने या काले वस्त्र किसी को उपहार मे ना दे या कोई भी काली वस्तु ना ले जैसे अगर आपने काले रंग की गाडी खरीदी हो तो इस दिन ना लाकर उसके आगे या पीछे वाले दिन ला सकते है|
  6. इस दिन किसी को उधार नही देना चाहिए अकारण खर्च से बचे|
  7. इस दिन झाड़ू खरीदना भी शुभ होता है|

 

नरक चतुर्दशी का महत्व


नरक चतुर्दर्शी का क्या महत्व है ये विस्तार से जानते है इस साल नरक चतुर्दशी 3 नवंबर को बुधवार के दिन 9 बजके 2 मिनट से शुरू होगी और 4 नवंबर सुबह 6 बजके 3 मिनट पर समाप्त हो रही है नरक चतुर्दशी को सौदर्य और आयु के लिए इस दिन को महत्व दिया गया है|

इस दिन आयु के देवता यमराज की उपासना की जाती है इस दिन भगवान कृष्ण की भी उपासना की जाती है क्यो की ऐसी मान्यता है की इसी दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था जीवन मे अगर आयु की समस्या हो या स्वास्थ की समस्या हो तो इस दिन किये जाने वाले प्रयोगोसे वो दूर हो जाती है

पौराणिक कथाओ की माने तो एक नरकासुर नाम का राक्षस हुआ करता था इस राक्षस ने लगभग 16000 लडकियो से जबरदस्ती विवाह कर लिया था और इन सभी लडकियो को अपना सेवक बना लिया था नरकासुर इन सभी लडकियोपर काफी अत्याचार करता था

और हमेशा इन को कैद मे रखता था कहा जाता है की भगवान श्री कृष्ण ने नरक चतुर्दशी के दिन नरकासुर का वध कर दिया था और 16000 लडकियो को श्री कृष्ण ने मुक्त कराया था जिसके बाद समाज मे उन्हे अब कहा स्थान मिलेगा इस डर की वजह से इन सभी कन्याओ ने आत्महत्या करने का विचार किया

इसे रोकने के लिए भगवान कृष्ण ने इनको अपना नाम दिया जिसके बाद इन सभी कन्याओ ने भगवान श्री कृष्ण का आभार प्रकट करने के लिए दीप जलाये थे तबसे नरक चतुर्दशी के दिन दीप जलाने की प्रथा है  

 

नरक चतुर्दशी की पूजा कैसे करे 

  1. दीपावली पर नरक चतुर्दशी के दिन प्रातः काल या सायंकाल चंद्रमा की रोशनी मे जल से स्नान करना चाहिए लेकिन ये बात ध्यान मे रखना है की जल ना बहोत ठंडा हो ना गरम हो साधे और फ्रेश पानी से नहाना शुभ होता है और इस दिन विशेष उबटन लगाके जैसे बेसन का हल्दी का ये उबटन लगाके स्नान करना चाहिए और शीतल जल से स्नान करना चाहिए ऐसा करने से आप को रूप और सौंदर्य की प्राप्ति होती है और इसके साथ-साथ सेहत की समस्याओ से छुटकारा मिल जाता है
  2. इस दिन घी का या सरसो के तेल का दिपक घर के बाहर या मंदिर मे जलाना अच्छा होता है
  3. नरक चतुर्दशी के दिन यमदेव की पूजा अर्चना करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है और घरमे सकारात्मकता आती है और घरसे बहार निकलकर दक्षिण दिशा की और यमदेवता को प्रणाम करके चौमुखा दिपक सरसो के तेल का रखना चाहिए और घर की चौखट पर भी आप को दिपक जरुर जलाना चाहिए
  4. इस दिन तिल के तेल या सरसो के तेल से मालिश करने से त्वचा पर निखार आता है और रूप और सौंदर्य की प्राप्ति होती है|

 

लक्ष्मी पूजन का महत्व/लक्ष्मी पूजन के उपाय



लक्ष्मी पूजन क्यों मनाया जाता है / लक्ष्मी पूजन का महत्व


दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का महत्व क्या है इसे विस्तार से समझते है वैसे तो दिवाली कार्तिक अमावस्या के दिन मनाई जाती है दीपावली पर लक्ष्मी गणेश की पूजा क्यो की जाती है ऐसा माना जाता है की लक्ष्मी जी को श्राप दिया गया था की उसे पुत्र प्राप्ति नही होगी

एक दिन विष्णु जी ने कह दिया की तू अपूर्ण है इसलिए रोते रोते माता लक्ष्मी पार्वती जी के पास पहोची इसपर माता पार्वती ने लक्ष्मी जी को बताया की विष्णु जी ने तुझे अपूर्ण इसलिए कहा क्यों की तुम्हारा कोई पुत्र नही है

इसपर माता पार्वती ने कहा की तू अपूर्ण नही है और उसने अपना पुत्र गणेश जी को माता लक्ष्मी के गोद मे दे दिया और कह दिया की आजसे गणेश तुम्हारा पुत्र है और आज से तुम पूर्ण हो गई हो जिसके पास गणेश जि जैसी बुद्धि हो उसके पास लक्ष्मी हमेशा रुकती है

और गणपति लक्ष्मी जी के मानस पुत्र है इसीलिए दीपावली मे लक्ष्मी और गणेश की पूजा होती है हिंदू धर्म के मान्यताओ के नुसार जब भगवान राम रावन को मारकर माता सीता को अयोध्या लेकर आये थे तब लोगो ने इस बात की खुशी दिये जलाकर मनाई थी और इसीलिए दिवाली को मनाया जाता है

दूसरी मान्यता के नुसार समुद्रमंथन के दौरान कार्तिक अमावस्या को ही शिरसागर से माता लक्ष्मी प्रकट हुई थी और भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी जी का विवाह संपन्न हुआ था और तभीसे दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है और माता लक्ष्मी जी का पूजन किया जाता है  

 

लक्ष्मी पूजन के उपाय / Laxmi Puja Ke Upay 

 

  1. दीपावली पर देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए करे ये उपाय दिवाली पर घर को एकदम स्वच्छ रखे और उस दिन पुरुष है तो धोती पयजामा सफेद रंग का इस्तेमाल करना शुभ होता है और स्त्री है तो गुलाबी और लाल रंग का इस्तेमाल करे तो अति शुभ होता है इस दिन साबुत हल्दी या गाठ हल्दी लाना शुभ होता है इस दिन अगर कोई दर्पण खरीदे तो वो भी काफी शुभ होता है
  2. इस दिन काले वस्त्र नही पहनना चाहिए या काले वस्त्र का दान नही देना चाहिए
  3. लक्ष्मी पूजन के दिन जब हम गणेश जी और माता लक्ष्मी जी की पूजा करते है तो वो चांदी या मेटल के नही होने चाहिए आप को वो कच्ची मिट्टी के लाने है जो कुम्भर बनाते है वो आप को पूजन के लिए लाना है
  4. जब आप बाजार से लक्ष्मी जी का फोटो खरिदके ले आते है तो आप को बैठी हुई लक्ष्मी जी फोटो लेना है खडी लक्ष्मी का फोटो ना हो
  5. जो हम पूजा के दौरान फूलो का और फलो का प्रयोग करते है तो वो जो फुल होते है वो सूखे हुए ना हो और फल कटे हुए ना हो वो संपूर्ण होने चाहिए
  6. पूजा स्थान मे अपने पूर्वजो का या फिर घर के कोई सदस्य जो की अब नही रहे उनका फोटो वह नही रखना चाहिए
  7. पूजा करते समय जब हम अगरबत्ती जलाते है तब हमे हमेशा 1,3 या फिर 7 या 9 इस प्रकार से अगरबत्ती को लगाना या जलाना चाहिए ये बहोत जरुरी बात है
  8. जो अगरबत्ती हम जलाते है तो वो बास के लकडी की नही होनी चाहिए वो चंदन की या लकडी की होनी चाहिए तो इन बातो का आप को ध्यान देने की आवश्यकता होती है|

 

गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है / गोवर्धन पूजा का महत्व


दीपावली पर गोवर्धन पूजा का क्या महत्व है आइये जानते है विस्तार से गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है गोवर्धन पूजा मे गाय का काफी महत्व होता है गोवर्धन के नाम मे ही गौ माता का जिक्र होता है| 

माना जाता है की जब भगवान श्री कृष्ण के द्वारा इंद्रदेव पराजित हो जाते है और इंद्रदेव का अहंकार तोडा जाता है और कृष्ण का उद्देश तब यही था की गौ धन का महत्व लोग समझे और पर्यावरण की रक्षा करे इसीलिए भगवान कृष्ण ने इंद्र का अहंकार तोडा था इसी कारन गोवर्धन पूजा की जाती है और श्री कृष्ण को प्रसन्न किया जाता है|

 

गोवर्धन पूजा कैसे करते है 

  1. गोवर्धन पूजा मे गोबर का प्रयोग किया जाता है इसीलिए महिलाओ को सुबह घर के आँगन मे या घर के मुख्य द्वार के सामने गाय के गोबर का गोवर्धन पर्वत बनाना चाहिए और उसकी पूजा करनी चाहिए और उसके ऊपर दीपक जलाना चाहिए
  2. गोवर्धन पर्वत को लेते हुए पुरुष की आकृति मे बनाया जाता है इसे आप फिर अपने हिसाब से सजा सकते है
  3. गोवर्धन पूजा मे दही और गन्ने का भी इस्तेमाल पूजा मे किया जाता है
  4. गोवर्धन पूजा मे इस दिन स्नान करा कर उन्हे सजाया जाता है और हमे उनका पूजन अवश्य करना चाहिए

 

भाई दूज क्यों मनाया जाता है / भाई दूज का महत्व

 

दीपावली पर भाई दूज का क्या महत्व है पौराणिक कथा के अनुसार सूर्य देव और उनकी पत्नी संध्या को 2 संतान हुई थी जिनमे पुत्र और पुत्री हुई सूर्य की पत्नी संध्या उनका तेज नही सेहन कर पायी इसलिए संध्या ने अपनी छाया उत्पन्न की और अपने पुत्र व पुत्री को उसे सोपकर चली गई| 

छाया को अपनी संतानो से कोई मोह नही था परंतु भाई-बहन मे आपस मे बहोत प्रेम था यमुना हमेशा अपने भाई को निमंत्रण देती थी परंतु यम व्यस्त्यता के कारन उससे मिलने नही जा पाते थे एक बार कार्तिक शुक्ल्य द्वितीया को यम अपनी बहन छाया से मिलने पहुचे

अचानक अपने भाई को द्वार पर देखकर यमुना बहुत प्रसन्न हुई और उसने यम का बहोत अच्छेसे सादर सत्कार किया अपनी बहन के स्नेह से प्रसन्न होकर यम ने अपने बहन से कुछ वरदान मांगने के लिए कहा तब यमुना ने उनसे इसी तिथि पर प्रति वर्ष उसके घर आनेका वरदान माँगा

और तबसे यम अपने बहन के इस इच्छा को ताल नही सकते थे तबसे यम प्रति वर्ष इसी तिथि पर अपने बहन यमुना से मिलने जाते थे तबसे ही भाईदूज मनाने की प्रथा है ऐसा माना जाता है की, जो भाई इस तिथि पर अपनी बहन से तिलक करवाता है उसे अकाल मृत्यु का कोई भय नही रहता इस दिन को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है

 

भाई दूज कैसे मनाते है 


  1. इस दिन यम देवता की अवश्य पूजा करनी चाहिए
  2. भाई दूज के लिए टिका मुहूर्त 5 तारीख को रात के 1.10 P.M. से 6 नवंबर 7.44 P.M. तक है
  3. इस सुबह उठकर स्नान कर तयार हो जाये और यम देवता की पूजा करनी चाहिए
  4. बहन ने अपने भाई को घी और चावल का टिका लगाना शुभ होता है
  5. भाई की हथेली पर बादमे सिंदूर,पान,सुपारी,सुखा नारियल भाई के हाथ मे देना चाहिए
  6. फिर भाई के हाथमे कलावा जरुर बांधना चाहिए और उसका मुह मीठा करना चाहिए
  7. इसके बाद भाई को अगर बहन उम्र से बडी हो तो उसके पैर छुकर आशीर्वाद लेना चाहिए

 

तो ये थे दिवाली के 5 दिनो के महत्व और उनके उपाय लेकिन दिवाली पर हमे किन किन बातो की सावधानी बरतनी चाहिए इन बातो का ध्यान अवश्य रखना चाहिए

 

  • दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जो पुरे परिवार और आजू बाजु के लोगो को हमसे जोडती है इसलिए इसे मिलजुलकर करना चाहिए
  • दिवाली पर फटाके ना फोडे अगर फटाको को फोडना है जिसमे देवी देवताओ के चित्र हो उन्हे खरीदना नही चाहिए
  • दिवाली के फटाखे खरीदते समय ध्यान रखे की जादा शोर वाले फटाके ना खरीदे
  • जब भी फटाके फोडे तो ध्यान रखे की कोई भी बुजुर्ग व्यक्ति आस पास ना हो फटके के शोर से कान बहरे भी हो सकते है इसलिए इस बात का ध्यान देना आवश्यक है
  • दिवाली मे कुछ मीठा जरुर लाना चाहिए जिससे आपस मे प्रेम बना रहे

 

दोस्तो आज हमने जाना की दिवाली का महत्व क्या है और दिवाली के उपाय क्या क्या होते है दोस्तो आप को ये आर्टिकल जरुर पसंद आया होगा अगर पसंद आया होगा तो इस ब्लॉग को शेयर जरुर कीजिये आप सभी को Deepawali 2021 की हार्दिक शुभकामनाये

 

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